Indian Penal Code (IPC) Section 225 in Hindi | Dhara 225 in Hindi | What is IPC 225
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 225 के अंतर्गत दण्ड का प्रवधान:-
धारा 225 के अपराध किसी तरह से समझौता योग्य नहीं होते हैं। एवं यह अपराध संज्ञये एवं जमानतीय/अजामन्तीय दोनो प्रकार के होते हैं। इनकी सुनवाई प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट एवं सेशन न्यायालय की जाती हैं।
धारा 225 के अपराध की सजा निम्न भागों में बांटा गया है:-
1. किसी व्यक्ति को विधि के अनुसार पकड़े जाने का विरोध करना या हिरासत या अभिरक्षा से छुड़वाना- 2 वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
2. ऐसे आरोपी को छुड़वाना जो आजीवन कारावास या दस वर्ष के अपराध के कारावास से दण्डनीय हो तब- अजमानतीय अपराध एवं तीन वर्ष की कारावास एंव जुर्माना।
3. ऐसा आरोपी का अपराध जो मृत्यु दण्ड से दंडनीय हो ऐसे आरोपी को छुड़वाना- सात वर्ष की कारावास एवं जुर्माना एवं अजमानतीय अपराध।
4. यदि आरोपी पर अपराध सिद्ध हो हो जाये और दण्ड-आदेश के बाद ऐसे अपराधी को छुड़वाना जिसको आजीवन कारावास या दस वर्ष या उससे अधिक सजा सुनाई गई हो तब- अजमानतीय अपराध एवं सात वर्ष की कारावास ओर जुर्माना।
5. यदि अपराधी को मृत्यु दण्ड से दण्डादेश हो तब- अजमानतीय एवं सेशन न्यायालय द्वारा सुनवाई सजा- आजीवन कारावास या दस वर्ष के लिए कारावास एवं जुर्माना।
IPC Section 34 in Hindi | Dhara 34 Kab Lagayi Jati Hai | What is IPC 34 https://youtu.be/3nh6sVEaQoE
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Indian Penal Code (IPC) Section 221 in Hindi | What is Section 221 IPC https://youtu.be/AGjCjDm7hS0
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